सीबीआइ ने 169 नर्सिंग कालेजों को दी क्लीन चिट, रिश्वतकांड के बाद पूरी जांच सवालों के घेरे में
सीबीआइ ने 169 नर्सिंग कालेजों को दी क्लीन चिट, रिश्वतकांड के बाद पूरी जांच सवालों के घेरे में
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक नर्सिंग कालेज की जांच में उपयुक्त रिपोर्ट देने के लिए सीबाआइ निरीक्षक राहुल राज द्वारा 10 लाख रुपये रिश्वत लेने और उसकी गिरफ्तारी के बाद अब तक की गई सभी कालेजों की जांच सवालों के घेरे में आ गई है। उच्च न्यायालय ने 364 कालेजों की जांच सीबीआइ को सौंपी थी, जिसमें अब तक 318 कालेजों की जांच सीबीआइ ने पूरी कर हार्हकोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।बड़ी बात यह है कि इनमें 169 कालेजों को सीबीआइ ने क्लीन चिट दे दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने इन कालेजों की मान्यता बहाल करने के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय को कहा था। उधर, सीबीआइ ने अब तक रिश्वत मामले में 23 लोगों को आरोपित बनाया है, जिसमें चार सीबीआइ अधिकारी भी हैं। इनमें 13 को गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जा चुका है।
इसमें राहुल राज के अतिरिक्त सीबीआइ में अटैच मप्र सीआइडी के निरीक्षक सुशील मजोका, कालेज संचालक व दलाल शामिल हैं। नर्सिंग कालेजों से जुड़ी तीन महिलाओं को भी हिरासत में लिया गया है। आरोपितों के यहां से दो करोड़ 33 लाख रुपये नकद, चार गोल्ड बार, 36 डिवाइस व दस्तावेज जब्त किए गए हैं। तीन दिन में सीबीआइ ने भोपाल, इंदौर, रतलाम और जयपुर में 31 स्थानों पर छापेमारी की है।
बता दें कि राहुल राज को सीबीआइ की टीम ने शनिवार रात प्रोफेसर कालोनी स्थित उनके निवास से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उन्होंने भोपाल के मलय नर्सिंग कालेज के चेयरमैन अनिल भास्करन, प्रिंसिपल सुमा भास्करन और दलाल सचिन जैन से रिश्वत ली, तभी चारों को गिरफ्तार किया गया।
नौ अन्य आरोपितों को इंदौर, रतलाम व भोपाल से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के लिए सभी को सीबीआइ ने 29 मई तक के लिए रिमांड पर लिया है। इस पूरे मामले में सीबीआइ के एक डीएसपी और एक निरीक्षक के भी नाम सामने आ रहे हैं, पर जांच एजेंसी ने अभी तक उनका नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
*ग्वालियर अंचल के कई कालेजों को मिली क्लीन चिट*
नर्सिंग कालेजों में गड़बड़ी को लेकर ला स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने याचिका दायर की थी। एसोसिएशन की पड़ताल और नर्सिंग काउंसिल की जांच में सबसे ज्यादा गड़बड़ी ग्वालियर-चंबल अंचल के नर्सिंग कालेजों में मिली थी, पर सीबीआइ ने अपनी जांच में उधर के अधिकतर कालेजों को मापदंड के अनुकूल संचालित बताया है।
318 कालेजों की जांच में सीबीआइ ने 169 को सही और 76 को अनुपयुक्त बताया था। 66 कालेजों में मामूली कमियां बताई थीं, जिनमें मिली कमियों को दूर कर संचालन की अनुमति दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि दो डीएसपी सहित चार अधिकारियों की टीम कालेजों की जांच कर रही थी, जिसमें यह देखा जा रहा था कि कालेज नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों के अनुसार चल रहे हैं या नहीं।
*फिर से हो नर्सिंग कालेजों की जांच : एनएसयूआइ*
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) ने दावा किया है कि उनकी शिकायत पर सीबीआइ ने रिश्वतकांड का भंडाफोड़ किया है। एनएसयूआइ मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने कहा कि उन्होंने 15 अप्रैल को सीबीआइ कार्यालय पहुंचकर जांच में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके बाद ही सीबीआइ दिल्ली की टीम ने मामले में निगरानी बढ़ाई। परमार ने कहा कि यह बड़ा घोटाला है, जिसमें और कई बड़े नाम सामने आएंगे। उन्होंने नर्सिंग कालेजों की जांच फिर से कराने की मांग की है।