परिणाम आने के बाद तय होगा रीवा में कांग्रेस का नया ठिकाना…..
परिणाम आने के बाद तय होगा रीवा में कांग्रेस का नया ठिकाना.....
.
उर्रहट से हट फार्म हाउस से चल सकती है कांग्रेस…..?
कांग्रेस में संगठन के बजाय छत्रप हावी रहते है और हमेशा छत्रपो की ही चलती है. यहां संगठन की जगह व्यक्तिवाद हावी रहता है और यह परम्परा कोई नई नहीं वर्षों से चली आ रही है. परिणाम भी सामने है आज कांग्रेस अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद विंध्य की राजनीति में कई अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेगें, खासकर रौवा में, यहां निर्वाचित दो ही जनप्रतिनिधि है महापौर और सेमरिया विधायक, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पास कोई बैठने का अड्डा (कार्यालय) नहीं है. फिलहाल जिलाध्यक्ष के घर पर कार्यालय संचालित हो रहा है. आगे भी रहेगा या नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता….. बात तो यह है कि लोकसभा चुनाव का परिणाम सकरात्मक आये या फिर नकरात्मक उथल-पुथल होना निश्चित है. शिकायते भी होगी और ठीकरा भी फोड़ा जायेगा. रीवा में जो पद पर रहा वह कांग्रेस को अपने हिसाब से हाकता रहा. अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस का नया ठिकाना क्या ‘फार्म हाउस’ होगा….? लंबे समय तक कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन रीवा में कार्यालय तक नहीं बना. कभी अमहिया तो कहीं सरदार जी का ठिकाना कार्यालय हो जाता है तो कभी जिलाध्यक्ष का घर कार्यालय का रूप ले लेता है. वर्तमान में कांग्रेस के इकलौते विधायक अभय मिश्रा है और उनकी नीचे से लेकर ऊपर तक खूब चल रही है. सभी नेता उन्ही की सुन रहे है, एकछत्र राज करने की तैयारी में है. तो माना जा रहा है कि अब कांग्रेसियों का अगला नया ठिकाना फार्म हाउस ही बना सकता है.