मध्य प्रदेश

यातायात प्रभारी का हाईवे प्रेम: अवैध वसूली के आरोपों में घिरे यातायात थाना प्रभारी

यातायात प्रभारी का हाईवे प्रेम: अवैध वसूली के आरोपों में घिरे यातायात थाना प्रभारी

 

हाल ही में एक मैकेनिकल इंजीनियर के बारे में यह चर्चा सामने आई है कि वह हाइवे पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जिससे पता चलता है कि कहीं वे अवैध सवाल तो नहीं कर रहे हैं? यह स्थिति विभिन्न विशेषताओं से उत्पन्न हो सकती है:

1. अवैध रूप से अवैध शिकार का प्रयास: हाईवे पर अधिकांश मॉल से यह मिल सकता है कि अवैध रूप से अवैध रूप से अवैध रूप से अवैध शिकार कर रहे हैं। विशेष रूप से हाईवा जैसे हैवी कंसल्टेंट के लिए यह एक आम तरीका हो सकता है, बार-बार रेनॉल्ड्स का उल्लंघन होता है और कंपनी के बाकी हिस्सों से पैसा वसूला जा सकता है।

2. ट्रैफिक व्यवस्था की दृष्टि: यदि शहर में ट्रैफिक की भीड़ और जाम की गंभीर समस्या है और ट्रैफिक व्यवस्था का ध्यान केवल राजमार्ग पर है, तो यह व्यवस्था में ट्रैफिक का संकेत हो सकता है। शहर के अंदरूनी हिस्सों को प्रतिबंधित करना और केवल राजमार्गों पर ध्यान देना असंवेदनशीलता को शामिल करना है।

3. राजमार्ग पर सुरक्षा खतरा: राजमार्ग पर बड़े वाहन और तेज गति के कारण अर्थव्यवस्था का खतरा बढ़ सकता है। हालाँकि, यदि यह कार्यस्थल सुरक्षा की दृष्टि से है, तो यह है, लेकिन यदि यह केवल अभाव का मामला बना रहता है, तो यह एक गंभीर चिंता का विषय बन जाता है।

 

यदि यह “हैवे प्रेम” अवैध रूप से बनाया गया है, तो इसकी गंभीर जांच आवश्यक है, ताकि किसी भी प्रकार के निर्माण या उल्लंघन के उल्लंघन को ठीक किया जा सके। रिवाल्वर के तनख्वाह और उनके खर्चे में अवैध वंचितों के मामले ही पूरे होते हैं, जिससे यह समस्या और भी जटिल होती है। इस पूरे घटनाक्रम को देखने से ऐसा लगता है कि जब तक इस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तब तक जिलों में कोई सुधार की संभावना नजर नहीं आई।

“सैंया भये कोतवाल तो अब डर काहे का!”

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