केजेएस सीमेंट प्लांट के सुरक्षाकर्मी का दर्दनाक सड़क हादसा
केजेएस सीमेंट प्लांट के सुरक्षाकर्मी का दर्दनाक सड़क हादसा

अंतिम जा रही बस ने सुरक्षा मंत्रालय को कुचला
स्थिति गंभीर होने पर जबलपुर में चल रहा इलाज
जीरो पॉइंट क्रॉसिंग बना दुर्घटना का मुख्य कारण
मैहर/ हाईवे से शहर को आने वाले दोनों कोटा मार्गो में इन दिनों में कुंभ में आने वाले दोनों जोड़े का जमावड़ा इस तरह देखने को मिलता है। जैसे मैहर में ही कुम्भ मेला लगा हो। जिला प्रशासन द्वारा एसोसिएटेड को हाईवे के किनारे रोड पर ही इस तरह खड़ा किया जाता है। कि शहर से मुख्य मार्ग में आने वाले वाले दिन एक दिन दुर्घटना का शिकार होने वाले थे। जिला प्रशासन तो सिर्फ दिखावे के रूप में नजर आता है। किसी के साथ होने वाली सड़क दुर्घटना में जिला प्रशासन दुर्घटना के बाद अपनी ही वही लूटने वाली नजर आती है। बड़ी ही दुर्भाग्य की बात है कि जिले में तीन-तीन इंडस्ट्री प्लांट के बावजूद भी सुरक्षा व्यवस्था नदारत है। बताया जाता है कि त्रिस्तरीय प्लांट में ज्यादातर कर्मचारी शहर में ही रुककर आना जाना करते हैं। लेकिन कुंभ मेला के दौरान शहर में सुरक्षा के नाम पर काफी निंदनीय योगदान है। ऐसी ही एक समस्या के कारण एक सुरक्षाकर्मी को बहुत ही सड़क दुर्घटना का शिकार होना पड़ा। हम चाहते हैं कि शहर से करीब ही स्थापित केजेएस प्लांट में कर्मचारी कर्मचारियों के लिए आने वाला मुख्य मार्ग ही दुर्घटना का महत्वपूर्ण कारण है। हाईवे के एक तरफ शहर और दूसरी तरफ केजेएस इंडस्ट्रीज़ प्लांट को मिलाने वाला जीरो प्वाइंट दुर्घटना के नाम पर काफी गिरावट है। क्योंकि केजेएस में कर्मचारी एवं लाखवार के ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ इच्छा-निजी मंदिर में भी आश्रम का टाटा लगा रहता है। लेकिन केजेएस प्रबंधन सिर्फ अपने प्लांट तक ही डिजिटल सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है। जबकि मुख्य मार्ग से केजेएस प्लांट तक के मार्ग में चौबीसों घंटे डेयरी का कब्जा बना हुआ है। लेकिन केजेएस प्रबंधन अपने ही रास्ते को स्टॉक एक्सचेंज में विफल है। यदि केजेएस प्रबंधन अपने ही रास्ते को मुक्त नहीं करवा पा रहा है तो आने-जाने वाले संयंत्र के लिए एक अलग रास्ता क्यों तय नहीं किया गया है। यदि केजेएस प्रबंधन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो एक कर आए दिन मानस को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। केजेएससी सुरक्षाकर्मी विक्रम सिंह को क्या मिला था, जिस संस्थान की सुरक्षा के लिए मैं सेवा दे रहा हूं, मुझे ही एक दिन सुरक्षा करते-करते अपने दोनों पैर गंवाने पड़ेंगे। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह प्रॉविजिट से केजेएस की जांच करे और एक ठोस कदम उठाए ताकि एक दिन होने वाली कंपनी से बच जा सके।