अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मातृभाषा संवर्धन का दिन प्रदीप बच्चन(वरिष्ठ संवाददाता)
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मातृभाषा संवर्धन का दिन प्रदीप बच्चन(वरिष्ठ संवाददाता)

नवंबर 1999 में सभी लोगों, क्षेत्रों, राष्ट्रों की मातृभाषा को संरक्षण प्रदान करने के लिए 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा को समर्पित किया गया।
उक्त बातें दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यक,लेखक,पत्रकार एवं साहित्य टीवी के संपादक-लाल बिहारी लाल जी ने दूरभाष के माध्यम से दी जानकारी हमारे वरिष्ठ पत्रकार-प्रदीप बच्चन को बताया कि 17 नवंबर 1999 को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई थी कि 21 फरवरी 1952 को ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों एवं सामाजिक संगठनों ने कट्टर पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध करते हुए अपनी मातृभाषा (बांग्ला भाषा) के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए आंदोलन की मांग की थी। पाकिस्तान की पुलिस ने गोलियों की बौछार पर रोक लगा दी है, लेकिन लगातार विरोध जारी है, सरकार को आधिकारिक भाषा में मंजूरी दे दी गई है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया में बोली जाने वाली कुल भाषाएँ लगभग 6900 से ऊपर हैं। इनमें से 90 प्राचीन भाषा बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है। दुनिया की कुल आबादी में लगभग 60 पारंपरिक लोग 30 प्रमुख भाषाएँ शामिल हैं, जिनमें से दस सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाएँ हैं-जापानी, अंग्रेजी, रूसी, कलाकार, अरबी, पंजाबी, मंज़िल, हिंदी और स्पेनिश।
श्री लाल बिहारी लाल जी ने आगे बताया कि भारत में 29 भाषाएँ ऐसी हैं जिनके बोलने वालों की संख्या दस लाख से अधिक है। भारत में 7 ऐसी भाषाएं हैं जिन्हें बोलने वालों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। भारत में 122 भाषाएँ ऐसी हैं जिनके बोलने वालों की संख्या दस हज़ार से अधिक है। भारत में भी मातृभाषा की विविधता है। यहां के संविधान में भी कई स्थानीय भाषाएं समाहित हैं।
इस दिन दर्शन (यूनेस्को) और यू.एन. (यूएन) में जीन्स वर्ल्ड भर में भाषा और सांस्कृतिक (कल्चर) से जुड़े अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य युवाओं में अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाना है। हर साल इस खास दिन का एक खास थीम होता है। इस अवसर पर हर साल वर्ष 2000 से ही एक थीम रखी जाती है। 2008 की थीम मैत्री संस्कृति के लिए अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया था 2010 की थीम मैत्री संस्कृति के लिए अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया था 2020 की थीम थी- देश में विकास, शांति और शांति का अर्थ है। किस वर्ष (2023) इस का विषय था-बहुभाषी शिक्षा- शिक्षा के परिवर्तन की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2025 का विषय है “भाषा का महत्व: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का रजत जयंती उत्सव।” इस वर्ष की थीम भाषा और विविधता को बढ़ावा देना है, लुप्तप्राय सागर की रक्षा करने के लिए बहुभाषी शिक्षा को आधिकारिक करने के प्रयास को चित्रित करने पर जोर दे रहा है।