मध्य प्रदेश

उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल के प्रयासों से हिनौती में 1303 एकड़ में विकसित हो रहा है गौवंश वन्य विहार

उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल के प्रयासों से हिनौती में 1303 एकड़ में विकसित हो रहा है गौवंश वन्य विहार

उप मुख्यमंत्री आज करेंगे गौवंश वन्य विहार में विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण

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उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल बेसहारा गौवंशों के संरक्षण के लिए हमेशा से ही चिंतित रहें हैं। रीवा शहर में बेसहारा घूमने वाले गौवंशों को संरक्षण देने के लिए उन्होंने सर्वप्रथम लक्ष्मणबाग में गौशाला का निर्माण करवाया। श्री शुक्ल की मंशा थी कि जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक गौवंश वन्य विहार की स्थापना हो जहां बेसहारा गौवंशों को संरक्षण मिल सके। इसी परिप्रेक्ष में बसामन मामा में गौवंश वन्य विहार की स्थापना पूर्व में की गयी जहां बड़ी संख्या में बेसहारा गौवंशों को संरक्षण मिल रहा है। अब उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल के ही प्रयासों से गंगेव जनपद पंचायत के हिनौती ग्राम में 147.14 लाख रूपये की लागत से 1303 एकड़ में गौवंश वन्य विहार विकसित किया जा रहा है। श्री शुक्ल आज 22 जुलाई को प्रात: 11 बजे गौवंश वन्य विहार हिनौती में विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर सांसद श्री जनार्दन मिश्र, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, विधायक मनगवां श्री नरेन्द्र प्रजापति सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहेंगे।
हिनौती गौवंश वन्य विहार को बसामन मामा गौवंश वन्य विहार की तरह ही विकसित किया जायेगा। हिनौती गौवंश वन्य विहार में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल 65.64 लाख रूपये की लागत से बनाये गये दो गौ शेड का लोकार्पण करेंगे जबकि 30.42 लाख रूपये से 2 नग गौविश्राम शेड, 21.92 लाख रूपये से चारागाह क्षेत्र की तार फेनसिंग, 15.16 लाख रूपये से 2 हेक्टेयर क्षेत्र में चारागाह विकास तथा 4 लाख रूपये से बनाये जाने वाले सामुदायिक स्वच्छता परिसर का शिलान्यास उप मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल की मंशा है कि सभी गौवंश वन्य विहार आत्मनिर्भर हो और वहां पोषण वाटिका विकास, एकीकृत कृषि व आजीविका संस्थान बने तथा स्वसहायता समूहों को कार्य मिले। इसी क्रम में हिनौती गौवंश वन्य विहार में 6 नग गौशाला शेड, एक प्रशासनिक भवन व पशु चिकित्सालय, 500 मीटर पीसीसी रोड़ बनाकर पेवर ब्लाक लगाने, सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण, यज्ञ शाला निर्माण तथा उन्नत पशु नस्ल सुधार प्रजनन केन्द्र के अतिरिक्त एकीकृत कृषि व आजीविका संस्थान तथा मियावाकी वृक्षारोपण एवं पोषण वाटिका विकास के कार्य आगामी दिनों में कराये जायेंगे

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